हिसाब क्या करूँ दिखाऊँ भुलाऊँ ख्वाहिशें क्या करूँ क्या ना करूँ उलझन मे कौन नहीं है मेरी उलझन आपकी उलझन सजदे मैं अर्पण सब कुछ श्रृंगार रूप का

Hindi क्या करूँ Poems